माता-पिता ने नहीं किया था उत्तराधिकारी घोषित
परिवार के मुताबिक उनके पिता का निधन 2006 में और मां का 2007 में हुआ था। माता-पिता के जीवनकाल में कभी भी ऐसा अनुबंध नहीं हुआ, जिसमें सभी भाई-बहनों ने ओमप्रकाश को उत्तराधिकारी घोषित किया हो। इसके बावजूद उसने दस्तावेज तैयार कर संपत्ति अपने कब्जे में ले ली।
2022 में बेच दिया प्लाट, गोदाम बनाकर किराए पर दी
आरोप है कि वर्ष 2022 में ओमप्रकाश और उसकी बेटी ने यह प्लॉट दीपा पति राहुल चौहान को बेच दिया। बाद में यहां गोदाम बनाकर स्क्रैप व्यापारी को किराए पर दिया गया और किराया वसूला जाने लगा। शिकायत में यह भी उल्लेख है कि खरीदार राहुल चौहान को संपत्ति विवाद और धोखाधड़ी की जानकारी पहले से थी। इसके बाद भी जून 2024 में ओमप्रकाश, राहुल और उनके सहयोगियों ने मिलकर विक्रय पत्र तैयार करवाया। मामले में ओमप्रकाश के दो दामाद अमित और कपिल की भूमिका भी सामने आई है।
2024 में थाने में शिकायत की पर नहीं हुई सुनवाई
अजय ने दिसंबर 2024 में इसकी शिकायत थाने में दर्ज कराई थी, लेकिन कार्रवाई न होने पर उन्होंने कोर्ट का रुख किया। कोर्ट के निर्देश के बाद तिलक नगर पुलिस ने ओमप्रकाश सहित अन्य संबंधियों के खिलाफ धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
